जन्म के साथ जैसे-जैसे आदमी बड़ा होते जाता है ,वैसे-वैसे शरीर मे जीव वैज्ञानिक परिवर्तन होते जाते है !
इन परिवर्तनो को रोका नही जा सकता और अतत इन जीव वैज्ञानिक परिवर्तनो का अंतिम पड़ाव होता है बुढ़ापा !
बदती उम्र के साथ-साथ जैविक क्रियाओ की गति धीमी होने लगती है जिसके कारण व्यक्ति की शक्ति और स्वेदनशीलता कम होती जाती है ! शरीर मे प्रोटीन के उत्पादन मे होने वाली कमी से ऐसा होता है !
शारीरिक सक्रियता मे आती कमी के कारण व्यक्ति का वजन कम होने लगता है,नज़र कमजोर होने लगती है और बाल सफेद होने लगते है! ये सभी लक्षण बुढ़ापे की निशानिया है ! बढ़ती उम्र के साथ शरीर की सभी कोशिकाओ और उतको मे परिवर्तन पाया जाता है! गुर्दा,जिगर और आँत की कोशिकाए कमजोर होने लगती है ! रक्त वाहिनिया पुरानी हो जाती है ! परिणामस्वरूप वे रक्त और अन्य पोषक तत्वो को शरीर के सभी भागो तक नही पहुचा पाती है, इस कारण ही बुढ़ापा आता है ! अतत: जीवन ख़त्म हो जाता है !
Dec 19, 2009
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